मेरे पीर जी बिगड़ी बणादे,
तेरी शरण म आया,
शरण म आया अर्जी ल्याया,
मेरे पीर जी बिगडी बनादे,
तेरी शरण म आया।।
तर्ज – जो माँ ने शिखर चढाया रे।
बणकै आया म तेरा सवाली,
भरदे दाता झोली खाली,
आज खैर रहमतां पादे,
तेरी शरण म आया,
मेरे पीर जी बिगडी बनादे,
तेरी शरण म आया।।
दयावान सागर हो दया के,
सच्चे पर्चे लाओ दुनीया के,
पर्चा मेरा भी बणादे,
तेरी शरण म आया,
मेरे पीर जी बिगडी बनादे,
तेरी शरण म आया।।
उड़ती पतंग हाथ त छुट्टी,
डोर थी पक्की फेर क्यों टूटी,
इतना मनै बतादे,
तेरी शरण म आया,
मेरे पीर जी बिगडी बनादे,
तेरी शरण म आया।।
टप टप बरसै आँख त पाणी,
दिखावै गजेन्द्र चोट पुराणी,
मरहम जखम प लादे,
तेरी शरण म आया,
तेरी शरण म आया,
मेरे पीर जी बिगडी बनादे,
तेरी शरण म आया।।
मेरे पीर जी बिगड़ी बणादे,
तेरी शरण म आया,
शरण म आया अर्जी ल्याया,
मेरे पीर जी बिगडी बनादे,
तेरी शरण म आया।।
गायक – लक्की शर्मा पिचौलिया।
9034283904
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लाण।
9996800660