तेरा होया जागण वेल्ला हो,
मत सोवै ईब अकेला हो,
जाग सबल सिहँ दे सिसकारी,
याद करै तेरा चेल्ला हो।।
खास जरूरत तेरी आई,
मतन्या सोवै ओढ़ रजाई,
दुख संकट ने ली अंगड़ाई,
होरया ठाढा खेला हो,
तेरा होया जागण वेला हो,
मत सोवै ईब अकेला हो।।
सजया तेरा दरबार चौधरी,
ना लाईये ईब वार चौधरी,
सुण क आजा पुकार चौधरी,
आण क मेट झमेला हो,
तेरा होया जागण वेला हो,
मत सोवै ईब अकेला हो।।
पार भगत न तू करणे वाला,
दुख संकट सब हरणे वाला,
कदम ना पीछे धरणे वाला,
शेर घणा अलबेला हो,
तेरा होया जागण वेला हो,
मत सोवै ईब अकेला हो।।
लकी शर्मा सेवक तेरा,
करै तेरा गुणगान भतेरा,
हाथ म कलम गजेन्द्र लेरया,
लिख लिख भर दिया थेल्ला हो,
तेरा होया जागण वेला हो,
मत सोवै ईब अकेला हो।।
तेरा होया जागण वेल्ला हो,
मत सोवै ईब अकेला हो,
जाग सबल सिहँ दे सिसकारी,
याद करै तेरा चेल्ला हो।।
गायक – लक्की शर्मा पिचौलिया।
9034283904
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लाण।
9996800660