मारी डूबतड़ी नैया ने,
पार लगाओ जी,
मंडफिया वाला सेठ सांवरा,
म्हारी अटक्यौडी गाड़ी ने,
मंडफिया वाला सेठ सांवरा
मारा सांवरिया मंडफिया में आऊ दौड़ी,
अंखियां प्यासी दर्शन की।।
ऊंच नीच ना देखे सावरों,
सब भक्ता रे जावे,
मारी टूटी झोपड़िया सांवरा,
पल में महल बनावे,
सांवरिया मारे घरा भी,
देवू थाने नूत,
जिमाऊ थाने खीचड़लो।।
सब लियाया गाड़ी घोड़ा,
मैं चाल चला थाक्या यो,
मारे लिए मारा सेठ सांवरा,
तू ही है रखवालो,
है मारी गाड़ी को ड्राइवर,
मारो श्याम,
फिर काई बात को घाटो।।
थाने काजलियों बना लू,
मारे नैना में रमा लूं,
श्याम पलका में बंद कर राखुली।।
मारी डूबतड़ी नैया ने,
पार लगाओ जी,
मंडफिया वाला सेठ सांवरा,
म्हारी अटक्यौडी गाड़ी ने,
मंडफिया वाला सेठ सांवरा
मारा सांवरिया मंडफिया में आऊ दौड़ी,
अंखियां प्यासी दर्शन की।।
गायक – श्री प्रेम शंकर जी जाट।
प्रेषक – विनोद वैष्णव।
9414240116