हो भगता नाचों गावों रे,
ठाकुर जी ने रिजाओ रे,
मेलो सिंगोली रो आयो,
भगता नाचों गावों रे।।
जोर शोर से करा तैयारी,
लावा रे पिचकारी जी,
ठाकुर जी के मंदिर चाला,
खेला आपा होली जी,
हो निकले राम रेवाड़ी रे,
ठाकुर की महिमा न्यारी रे,
हो मेलों सिंगोली रो आयों,
भगता नाचों गावों रे।।
सोना रा रथडा में विराज्या,
भगता रा रखवाला रे,
भगता रे संग होली खेले,
श्याम सिंगोली वाला रे,
हो भगता बेगा आवो रे,
साथीडा संग में हालो रे,
हो मेलों सिंगोली रो आयों,
भगता नाचों गावों रे।।
गणी गणी बलिहारी ठाकुर,
श्याम सिंगोली वाला वो,
भगता के संग होली खेलों,
खेलों मदन गोपाला वो,
भगत ये सब हरसावे वो,
ठाकुर हीरदा सु लगावे वो,
हो मेलों सिंगोली रो आयों,
भगता नाचों गावों रे।।
दास देव थारो आमा वालों,
लिख लिख भजन बणायो वो,
भुल चुक ने माफी दिज्यो,
थारी कृपा से गायों वो,
हो बेड़ा पार लगावे वो,
भगत की बिगडी़ बणावे वो,
हो मेलों सिंगोली रो आयों,
भगता नाचों गावों रे।।
हो भगता नाचों गावों रे,
ठाकुर जी ने रिजाओ रे,
मेलो सिंगोली रो आयो,
भगता नाचों गावों रे।।
गायक & लेखक – देव शर्मा आमा।
8290376657