अमृत नीका कहे सब कोई,
पीये बिना अमर नहीं होई।।
कोई कहै अमृत बसै पाताला,
नाग लोग क्यों ग्रासै काला,
अमृत नीका कहै सब कोईं,
पीये बिना अमर नहीं होई।।
कोई कहै अमृत समुद्र मांहि बड़वा,
अगिन क्यों सोखत तांहि,
अमृत नीका कहै सब कोईं,
पीये बिना अमर नहीं होई।।
कोई कहै अमृत शशि में बासा,
घटे बढे क्यों होई है नाशा,
अमृत नीका कहै सब कोईं,
पीये बिना अमर नहीं होई।।
कोई कहै अमृत सुरगां मांहि,
देव पियें क्यों खिर खिर जांहि,
अमृत नीका कहै सब कोईं,
पीये बिना अमर नहीं होई।।
सब अमृत बातों की बाता,
अमृत है संतन के साथा,
अमृत नीका कहै सब कोईं,
पीये बिना अमर नहीं होई।।
‘दरिया’ अमृत नाम अनंता,
जा को पी-पी अमर भये संता,
अमृत नीका कहै सब कोईं,
पीये बिना अमर नहीं होई।।
अमृत नीका कहे सब कोई,
पीये बिना अमर नहीं होई।।
Singer – Sant Hanuman Das Ji Maharaj
Upload – Bhanwar Lal Jangid
9890550772