आया फागुन का त्यौहार,
चलो जी खाटू के दरबार,
चलो जी खाटू के दरबार,
छाई कैसी अजब बहार,
आया फागुण का त्यौहार,
चलो जी खाटू के दरबार।।
रींगस से निशान उठाना,
श्री श्याम जयकारा लगाना,
फिर पैदल पैदल जाना,
खाटू मंदिर पे चढ़ाना,
होगा सबका बेड़ा पार,
चलो जी खाटू के दरबार,
आया फागुण का त्यौहार,
चलो जी खाटू के दरबार।।
कोई रंग गुलाल उड़ाए,
कोई भर पिचकारी लाए,
कोई चंग नगाड़े बजाए,
कोइ मस्ती में धमाल गाए,
लगती भक्तों की लंबी कतार,
चलो जी खाटू के दरबार,
आया फागुण का त्यौहार,
चलो जी खाटू के दरबार।।
हारे को जीत दिलाता,
भटको को राह दिखाता,
उसकी किस्मत चमकता,
जो सच्चे मन से जाता,
है सुधीर पे कृपा अपार,
चलो जी खाटू के दरबार,
आया फागुण का त्यौहार,
चलो जी खाटू के दरबार।।
आया फागुन का त्यौहार,
चलो जी खाटू के दरबार,
चलो जी खाटू के दरबार,
छाई कैसी अजब बहार,
आया फागुण का त्यौहार,
चलो जी खाटू के दरबार।।
गायक व लेखक – सुधीर राजपूत।
8447262203