हां रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुण जो सीरवीयो,
आई माता थोने,
नियम बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे प्रथम नियम झूठ तज दीजो,
झूठ पाप रो मूल कहावे जी,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे दुजो मांस मदिरा त्यागो,
नशा करीया सु नाश होवे जी,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे तीजो ब्याज पर धन न लेवो,
ब्याज भरीया सु आगे न बढोला ओ,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे चौथो नियम जुआ मत खेलो,
जुआ खेल्या सु घर रूल जावे जी,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे पंचम मात पिता री सेवा,
सेवा अमृत रो प्यालो कहीजे जी,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे छठों अभ्यागत हो देवा,
देव रुपी मेहमानों ने भाया आदर देनो जी,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे सातवो गुरु री आज्ञा रो पालो,
सदा गुरुजी रे वचनों में रहनो जी,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे आठवो नियम सत्य मार्ग चालो,
थोडो भलाई कर पुण्य कमाईजो जी,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे नौ परनारी माता जाणो,
घर में सुख-समृद्धि थे पावो जी,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे दसवो बेटी ने धर्म परणावो,
बेटी नाम सु धन लेलेवे नरकों में जावे जी,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे ग्यारवो नियम सुनो रे भाई,
अरे स्वार्थ काज कर्म नही करनो जी,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे हाथ पुरूष और गले लुगाई,
बांधो बैल कहो जय आई,
नियम पाल मनवांछित पावो जी,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
अरे *मनीष सीरवी* आईजी ने ध्यावे,
*शंकर टांक* मां रा नियम सुनावे,
आईजी रा नियम भाईडा हिरदा में राखो जी,
सुणजो सीरवीयो,
हा रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
हां रे सुणजो सीरवीयो,
आई माता थोने ज्ञान बतावे जी,
सुण जो सीरवीयो,
आई माता थोने,
नियम बतावे जी,
सुणजो सीरवीयो।।
गायक – शंकर जी टांक।
प्रेषक / लेखक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला ब्यावर राजस्थान)
9640557818