उड़ रहियो रंग गुलाल,
हो देखो बाबोसा के द्वारे,
होली की मची रे धमाल,
हो देखो अजब नजारे,
बाईसा आई है खेलण होली,
संग में बाबोसा के भक्तो की टोली,
हो गये लालम लाल,
हो देखो बाबोसा हमारे,
होली की मची रे धमाल,
हो देखो अजब नजारे,
होली आई देखो छाई है बहार,
रंग में रंगे मेरे बाबोसा सरकार।।
हो फागुन की आई रुत ये सुहानी,
दुनिया सारी हुई है दीवानी,
बाबोसा से भक्तो है प्रीत पुरानी,
रंग लगाके हमको है प्रीत निभानी,
रंगीला ये छगनी का लाल,
हो देखो बोले है ये सारे,
होली आई देखो छाई है बहार,
रंग में रंगे मेरे बाबोसा सरकार।।
संग बाबोसा के खेल सब होली,
बाईसा ने रंगों से भर ली है झोली,
अरे लाल पीली हो गईं है भक्तो की टोली,
अरे दुनिया मे नम्बर वन है बाबोसा की होली,
उड़ रहियो रंग गुलाल,
हो देखो बाबोसा के द्वारे,
होली की मची रे धमाल,
हो देखो अजब नजारे,
होली आई देखो छाई है बहार,
रंग में रंगे मेरे बाबोसा सरकार।।
हो बाजे मंजीरा ओर बाजे है चंग,
उड़ रहियो आसमान में केशरिया रंग,
अरे खेल रहे सब होली देखो बाईसा भी संग,
देखके सारी दुनिया हो गई है देखो दंग,
नाचे “दिलबर” दे दे ताल,
हो धरती चाँद सितारे,
होली आई देखो छाई है बहार,
रंग में रंगे मेरे बाबोसा सरकार।।
उड़ रहियो रंग गुलाल,
हो देखो बाबोसा के द्वारे,
होली की मची रे धमाल,
हो देखो अजब नजारे,
बाईसा आई है खेलण होली,
संग में बाबोसा के भक्तो की टोली,
हो गये लालम लाल,
हो देखो बाबोसा हमारे,
होली की मची रे धमाल,
हो देखो अजब नजारे,
होली आई देखो छाई है बहार,
रंग में रंगे मेरे बाबोसा सरकार।।
गायक – हर्ष व्यास, कविता राजवंश मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365
प्रेषक – श्री अजय जी गोलछा हैदराबाद।