तू ही है कृष्णा तू ही है रामा,
तू ही है शिव शंकर तू ही हनुमाना।।
तर्ज – गुरु मेरी पूजा।
रचनाकारा सृष्टि तेरी,
पालनहारा सृष्टि तेरी,
तू ही संहारक मेरे भगवाना,
तू ही है शिव शंकर तू ही हनुमाना।।
तू ही माता तू ही पिता है,
तू ही गुरु है तू ही सखा है,
तू ही मेरा मालिक मेरे भगवाना,
तू ही है शिव शंकर तू ही हनुमाना।।
जप ना जानूँ तप ना जानूँ,
विधि ना जानूँ रीति ना जानूँ,
बस तुझे जानूँ मेरे भगवाना,
तू ही है शिव शंकर तू ही हनुमाना।।
शरण में आया प्रभु सम्भालो,
दीनदयाला मुझे अपना लो,
तुझमे समाउँ मेरे भगवाना,
तू ही है शिव शंकर तू ही हनुमाना।।
तू ही है कृष्णा तू ही है रामा,
तू ही है शिव शंकर तू ही हनुमाना।।
गायिका – रंजना गुंजन “भारतिया”
संगीत – सकल देव साहनी।