मेरे कृष्णा मेरे श्याम रे,
आजा कबसे पुकारूँ तेरा नाम रे,
तेरा नाम रे,
ओ मेरे कृष्णा,
मेरे श्याम रे।।
तर्ज – आजा तुझको पुकारे।
मथुरा में ढूंढा तुझको,
गोकुल मे ढूंढा,
उज्जैन जाके तेरे,
गुरुकुल में ढूंढा,
खोजत तुझको वर्षो गुजर गए,
फिर भी रहा नाकाम रे,
आजा कब से पुकारू तेरा नाम रे,
तेरा नाम रे,
ओ मेरे कृष्णा,
मेरे श्याम रे।।
सांवली सूरत को,
तरसे है अंखिया,
काटे कटे ना मेरी,
बैरन ये रतिया,
कोई जाए तो तुमको सुनाऐ,
मेरा ये पैगाम रे,
आजा कब से पुकारू तेरा नाम रे,
तेरा नाम रे,
ओ मेरे कृष्णा,
मेरे श्याम रे।।
सुना है आंगन है,
सुना जमाना,
दर दर फिरे है तेरा,
पागल दीवाना,
टूट गया हूँ मैं हार गया हूँ,
कोशिश करके तमाम रे,
आजा कब से पुकारू तेरा नाम रे,
तेरा नाम रे,
ओ मेरे कृष्णा,
मेरे श्याम रे।।
गमगीन आलम है,
उजडे चमन में,
दर्शन की चाहत,
लगी मेरे मन में,
छाई उदासी ‘रूपगिरी’ के,
दिल में आठो याम रे,
आजा कब से पुकारू तेरा नाम रे,
तेरा नाम रे,
ओ मेरे कृष्णा,
मेरे श्याम रे।।
मेरे कृष्णा मेरे श्याम रे,
आजा कबसे पुकारूँ तेरा नाम रे,
तेरा नाम रे,
ओ मेरे कृष्णा,
मेरे श्याम रे।।
गायक – रूपगिरी वेदाचार्य जी।
7792077586