टाबरिया आया थारे द्वार रे,
भेरूजी म्हारा रे,
म्हाने दीजो दीजो,
दर्शन आज रे,
जोड़ूँ दोनों हाथ रे।।
तर्ज – इतल पीतल रो म्हारो।
लाल फुलड़ा रो ल्याई हार रे,
भेरूजी म्हारा रे,
ल्याई मोगरा री,
लाडिया लार रे,
दीजो म्हाने दर्शन रे।।
करूँ हीरा मोती सु,
सिणगार रे,
भेरूजी म्हारा रे,
लेवा फेर थारी,
नजर उतार रे,
दीजो म्हाने दर्शन रे।।
लाया सुखडी मिठाई,
छप्पन भोग रे,
भेरूजी म्हारा रे,
थारी घणी रे,
करा में मनुहार रे,
सुणो म्हारा नाथ जी।।
भगत आये थारे द्वार पे,
ओ भेरूजी म्हारा रे,
दिलबर श्रेया री,
विनती स्वीकार रे,
दीजो म्हाने दर्शन रे।।
टाबरिया आया थारे द्वार रे,
भेरूजी म्हारा रे,
म्हाने दीजो दीजो,
दर्शन आज रे,
जोड़ूँ दोनों हाथ रे।।
गायिका – श्रेया रांका (जैन) भीलवाड़ा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365