भक्त रहे ना पहले जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा,
खाटू वाला नीले चढ़कर,
किसके खातिर आएगा,
भक्त रहें ना पहलें जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा।।
किसकी सुनेगा बात भला अब,
कौन भला अब बोलेगा,
मोरछड़ी से बंद तालों को,
कौन भला अब खोलेगा,
श्याम बहादुर जी के जैसा,
दूजा ना मिल पाएगा,
भक्त रहें ना पहलें जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा।।
ढूंढे लेकिन भाव मिले ना,
बाबा तेरे कीर्तन में,
अपने अपने नाम का लालच,
लेकर बैठे है मन में,
श्याम अखाड़ा आलू सिंह जी,
जैसा कौन लगाएगा,
भक्त रहें ना पहलें जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा।।
शिवचरण जी के भावों में,
श्याम धणी खो जाते थे,
हाथ पकड़कर हर अक्षर को,
दीनानाथ दिखाते थे,
भजनों की अनमोल यह माला,
कैसे ‘सचिन’ चढ़ाएगा,
भक्त रहें ना पहलें जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा।।
भक्त रहे ना पहले जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा,
खाटू वाला नीले चढ़कर,
किसके खातिर आएगा,
भक्त रहें ना पहलें जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा।।
Singer – Rahul Sanwara
Upload – Sachin Goyal
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