सारे बृज में मच रही धूम,
मस्ती छाई है,
उड़े रंग अबीर गुलाल,
के होली आई है,
होली आई होली आई,
होली आई है,
मस्ती छाई मस्ती छाई,
मस्ती छाई है।।
फागुन आया रंग बिरंगा,
जिसमें हर कोई है रंगा,
सब हो गए सब हो गए,
सब हो गए लालो लाल,
की होली आई है।।
चंग नगाड़ा कोई बजावे,
कोई नाचे और कोई गावे,
सारे बृज में सारे बृज में,
सारे बृज में मची धमाल,
की होली आई है।।
हुरियारों की आई टोलियां,
रंग उड़ाते भर के झोलियां,
गलियों में गलियों में,
गलियों में बिखरा गुलाल,
की होली आई है।।
युगल संग सब सखियां खेले,
गोप गोपी ग्वाले भी अलबेले,
“श्याम” देखे हां देखे,
श्याम देखे होवे निहाल,
की होली आई है।।
सारे बृज में मच रही धूम,
मस्ती छाई है,
उड़े रंग अबीर गुलाल,
के होली आई है,
होली आई होली आई,
होली आई है,
मस्ती छाई मस्ती छाई,
मस्ती छाई है।।
स्वर / लेखन – घनश्याम मिढ़ा।
भिवानी हरियाणा।
9034121523