ओ बावरे ओ बावरे,
ओ बावरे ओ बावरे,
मिला है तुझको,
बडी मुश्किल से,
अरे इंसा का जन्म,
ओ बावरे ओ बावरे,
ओ बावरे ओ बावरे।।
तर्ज – ओ साहिबा।
उस परम पिता ने तो,
एहसान किया तुझ पर,
अरे ओ मुरख नादां,
विशवास तो रख उस पर,
पकड ले उंगली,
उस परमेश्वर की,
मिटेंगे सारे भरम,
ओ बावरे ओ बावरे,
ओ बावरे ओ बावरे।।
जब गर्भ में था माँ के,
तो तूने किया वादा,
करूणा करके प्रभु ने,
तेरी दुर करी व्याधा,
तू भुल बैठा,
फस के माया में,
क्यूं अपना मानुष धरम,
ओ बावरे ओ बावरे,
ओ बावरे ओ बावरे।।
जितने भी लगे बंधन,
सब तुने लगाए है,
तेरे कर्मो से ही हुए,
अपने पराए है,
यही है मौका,
कुछ संभलने का,
तू तज दे खोटे करम,
ओ बावरे ओ बावरे,
ओ बावरे ओ बावरे।।
एक प्रेम के बलबूते,
सबको अपनाना है,
दुनिया में ‘रूपगिरी’,
कुछ पल का ठिकाना है,
कठोर वचनों से,
तौबा कर के,
स्वभाव करले नरम,
ओ बावरे ओ बावरे,
ओ बावरे ओ बावरे।।
ओ बावरे ओ बावरे,
ओ बावरे ओ बावरे,
मिला है तुझको,
बडी मुश्किल से,
अरे इंसा का जन्म,
ओ बावरे ओ बावरे,
ओ बावरे ओ बावरे।।
लेखक / गायक – रूपगिरी वेदाचार्य जी।
7792077586