दिलकश तेरा नक्शा है,
दोहा – मेरा मुझमें कुछ नहीं,
जो कुछ है सब तोय,
तेरा तुझको सौंपता,
क्या लागे है मोय।
दिलकश तेरा नक्शा है,
सूरत तेरी प्यारी है,
जिसने भी तुझे देखा,
जान से वारी है,
दिलकश तेरा नक्शा है।।
क्या पेश करे तुमको,
हर चीज तुम्हारी है,
ये दिल भी तुम्हारा है,
और जा भी तुम्हारी है,
दिलकश तेरा नक्शा हैं,
सूरत तेरी प्यारी है।।
ये दिल एक मंदिर है,
और मन ये पुजारी है,
मंदिर में जो रक्खी है,
तस्वीर तुम्हारी है,
दिलकश तेरा नक्शा हैं,
सूरत तेरी प्यारी है।।
क्यों देर हुई कान्हा,
बिगड़ी मेरी बनने में,
तुमने तो सदा सब की,
तकदीर सवारी है,
दिलकश तेरा नक्शा हैं,
सूरत तेरी प्यारी है।।
करना न जुदा दिल से,
हसरत यह हमारी है,
हमने तेरे टुकड़ों पर,
सारी उम्र गुजारी है,
दिलकश तेरा नक्शा हैं,
सूरत तेरी प्यारी है।।
दिलकश तेरा नक्शा है,
सूरत तेरी प्यारी है,
जिसने भी तुझे देखा,
जान से वारी है,
दिलकश तेरा नक्शा है।।
गायक – कृष्णा मिश्रा।
प्रेषक – डॉ.सजन सोलंकी।
9111337188