तोरणद्वार पे खड्यो अडीकु,
हर ग्यारस मैं आऊँ,
थारे द्वार पे आके बाबा,
थाने मैं तो रिझाऊँ,
थाने मैं तो रिझाऊँ।।
रींगस से जद चालू बाबा,
मन मे उठे हिलोरा,
जय श्री श्याम रटे है बाबा,
थारा छोरी छोरा।।
खाटू में जद ऊतरु बाबा,
स्वर्ग से बढ़के नजारो,
तोरणद्वार की महिमा भारी,
आशीर्वाद है थारो।।
तोरणद्वार से मंदिर तक की,
भीड़ बड़ी है भारी,
भाव भरया भगता पर बाबा,
कृपा राखजो थारी।।
मंदिर तक मैं पहुँचूँ बाबा,
इत्र गुलाब भी ल्याऊं,
थारी सोवणी सुरतिया पे,
मैं बलिहारी जाऊँ।।
‘भूषण’ थारी महिमा गावे,
थारो है टाबरियो,
म्हारो हाथ पकड़ के सांवरा,
भव से पार थे करियो।।
तोरणद्वार पे खड्यो अडीकु,
हर ग्यारस मैं आऊँ,
थारे द्वार पे आके बाबा,
थाने मैं तो रिझाऊँ,
थाने मैं तो रिझाऊँ।।
गायक / लेखक – भूषण दाधीच।
9694140302