नीले के असवार बाबा श्याम,
अब जल्दी आजा,
मैं तो गया हूं हार बाबा श्याम,
अब जल्दी आजा,
ले लो अपनी शरण में मुझको,
ले लो अपनी शरण में मुझको,
सांवरिया सरकार,
अब जल्दी आजा।।
नैया है मझधार,
टूट गई पतवार,
अब तो पार लगा दो,
हे जग के खेवन हार,
बांहे पसारे खड़ा मैं कब से,
राहों में सरकार,
अब जल्दी आजा।।
दुनियां से हारा हूं,
तेरे दर पे आया हूं,
भर दो बाबा श्याम,
मैं खाली झोली लाया हूं,
भीख दया की दे दो,
अब तो मेरे लखदातार,
अब जल्दी आजा।।
दुखो ने घेरा है,
ना कोई मेरा है,
दे दो दर्शन बाबा,
छाया घोर अंधेरा है,
‘विन्नी’ की अर्जी है,
बाबा सुन लो पुकार,
अब जल्दी आजा।।
नीले के असवार बाबा श्याम,
अब जल्दी आजा,
मैं तो गया हूं हार बाबा श्याम,
अब जल्दी आजा,
ले लो अपनी शरण में मुझको,
ले लो अपनी शरण में मुझको,
सांवरिया सरकार,
अब जल्दी आजा।।
गायक – विनोद चौहान (विन्नी)
9466331116