गुरूजी तेरे भरोसे मेरा परिवार है,
तू ही मेरी नाव का माझी,
तू ही मेरी नाव का माझी,
तू ही पतवार है,
गुरूजी तेरे भरोसे मेरा परिवार है।।
तर्ज – थोड़ा सा प्यार हुआ है।
हो अगर अच्छा माझी,
नाव फिर पार होती,
किसी की बीच भवर में,
फिर न दरकार होती,
अब तो तेरे हवाले,
मेरा घर-बार है,
गुरूजी तेरे भरोसे मेरा परिवार है।।
मैंने अब छोड़ी चिंता,
तेरा जो साथ पाया,
तुझको जब भी पुकारा,
अपने ही पास पाया,
पूरा परिवार ये मेरा,
तेरा कर्जदार है,
गुरूजी तेरे भरोसे मेरा परिवार है।।
मुझको अपनों से बढ़कर,
सहारा तूने दिया है,
जिंदगी भर जीने का,
गुजारा तूने दिया है,
मुझ पर तो गुरुवर,
तेरा बड़ा उपकार है,
गुरूजी तेरे भरोसे मेरा परिवार है।।
गुरूजी तेरे भरोसे मेरा परिवार है,
तू ही मेरी नाव का माझी,
तू ही मेरी नाव का माझी,
तू ही पतवार है,
गुरूजी तेरे भरोसे मेरा परिवार है।।