बजरंग बालाजी अंजनी लाला जी,
तेरा सिंदूरी तन मन भाये,
तेरे मेहंदीपुर में,
तेरे सालासर में,
तेरे भक्तो की बिगड़ी बन जाए,
बजरंग बालाजी अंजनी लाला जी।।
तर्ज – बिंदिया चमकेगी चूड़ी।
जग ने जाना तू राम का दीवाना,
मेहंदीपुर प्यारा धाम तेरा,
तेरे चरणों में अर्पण है,
बाला तन मन मेरा,
तेरी भक्ति से तेरी सेवा से,
सियाराम लखन भी हर्षाए,
बजरंग बालाजी अंजनी लाला जी।।
मेरे बाला तू जग से निराला,
पवनसुत वीर बलि,
तेरी महिमा जग से न्यारी,
राम के आज्ञाकारी,
तू संकटमोचन है,
केसरीनन्दन है,
तेरे नाम से नैया तर जाए,
बजरंग बालाजी अंजनी लाला जी।।
मैने मन से बालाजी तन मन से,
गुलामी तेरी की बाला,
द्वार पे तेरे आई दासी,
मैं हूँ दरश की प्यारी,
दरश को ललचाए,
मेरा मन हर्षाए,
कभी तेरा दरश जो मिल जाए,
बजरंग बालाजी अंजनी लाला जी।।
तेरा सुमिरन करूँ सारा जीवन,
जपूँ मैं तो नाम तेरा,
करती हूँ जब तेरी भक्ति,
मिलती आत्म शक्ति,
तेरे द्वारे पे तेरे चरणों में,
मुझे हर जीवन सुख मिल जाए,
बजरंग बालाजी अंजनी लाला जी।।
बजरंग बालाजी अंजनी लाला जी,
तेरा सिंदूरी तन मन भाये,
तेरे मेहंदीपुर में,
तेरे सालासर में,
तेरे भक्तो की बिगड़ी बन जाए,
बजरंग बालाजी अंजनी लाला जी।।