नैनो में चले आओ,
श्याम दर्शन दिखाने को,
मेरे दिल में समा जाओ,
मेरे दिल में समा जाओ,
लौट के फिर ना जाने को,
नैनो में चले आओ,
श्याम दर्शन दिखाने को।।
तर्ज – मुझे पिने का शौक नहीं।
देखा है निगाहों ने,
जन्मों से तेरा रस्ता,
तेरे मिलने की चाहत में,
कभी रोता कभी हँसता,
मालिक दिल नहीं माना,
आजा तू ही मनाने को,
नैनो मे चले आओ,
श्याम दर्शन दिखाने को।।
मिल जाते अगर मोहन,
मेरी इस जिंदगानी में,
मेरा जीवन सफल होता,
तेरी इस मेहरबानी में,
तेरे चरणों में रहना है,
छोड़कर इस ज़माने को,
नैनो मे चले आओ,
श्याम दर्शन दिखाने को।।
विनती है यही मेरी,
दिनों पे दया करना,
भगवान मेरे बनके,
ह्रदय में रहा करना,
मन मंदिर बना तेरा,
आजा उसमे बसाने को,
नैनो मे चले आओ,
श्याम दर्शन दिखाने को।।
नैनो में चले आओ,
श्याम दर्शन दिखाने को,
मेरे दिल में समा जाओ,
मेरे दिल में समा जाओ,
लौट के फिर ना जाने को,
नैनो में चले आओ,
श्याम दर्शन दिखाने को।।