अंजनी के लाला अपने,
भक्तों की अब तो,
लेलो खबरिया रे।।
तर्ज – कलियर के राजा कभी।
अंजनी के लाला अपने,
भक्तों की अब तो,
लेलो खबरिया रे,
ओ बजरंग बाला,
‘कृष्णा’ भी आया तेरे दर का पूजारी,
हम सब आये तेरे दर पे सवाली,
देदो डगरिया रे,
ओ बजरंग बाला,
अंजनी के लाला अपने,
भक्तों की अब तो,
लेलो खबरिया रे।।
लांघ समुद्र के लंका जलाए,
माँ सीता की खबर ले आए,
कुटिया वीभीषण की तुमने बचा दी,
लिखा था राम नाम रे,
ओ बजरंग बाला,
अंजनि के लाला अपने,
भक्तों की अब तो,
लेलो खबरिया रे।।
मेघनाद के शक्ति बाण से,
मूर्छित लक्ष्मण थे,
समझ ना आई संजीवन तो तुमने,
पर्वत उठाय लियो रे,
ओ बजरंग बाला,
अंजनि के लाला अपने,
भक्तों की अब तो,
लेलो खबरिया रे।।
माँग सिंदूरी देखे सिया की,
पूछे मतलब रे,
सोचा श्री राम जी को कैसे रिझाऊँ,
हो गए लाल लाल रे,
ओ बजरंग बाला,
अंजनि के लाला अपने,
भक्तों की अब तो,
लेलो खबरिया रे।।
हाँथों में खंजरी पाँव में घुँघरू,
मस्त मगन भए रे,
राम नाम की धुन में ओ बाबा,
झूमे नगरिया रे,
ओ बजरंग बाला,
अंजनि के लाला अपने,
भक्तों की अब तो,
लेलो खबरिया रे।।
झूमे नगरिया सारी झूमे नगरिया।
श्लोक १ –
ना ही गिनकर के दिया,
ना ही तौल करके दिया,
मेरे बाबा ने जिसको भी दिया,
दिल खोलकर के दिया,
झूमे नगरिया सारी झूमे नगरिया।
श्लोक १ –
मैंने सब कुछ पाया है,
तुमको ही पाना बाकी है,
घर में मेरे कमी नही बस,
तेरा आना बाकी है,
झूमे नगरिया सारी झूमे नगरिया।
श्लोक १ –
किरपा ऎसी करो की,
जिंदगी में ये मकाम आए,
जब भी लब खोलूँ तो बाबा,
तेरा ही तो नाम आए,
झूमे नगरिया सारी झूमे नगरिया।
श्लोक १ –
दौलत छोड़ी दुनिया छोड़ी,
सारा खजाना छोड़ दिया,
मैंने तेरे प्यार में बाबा,
सारा जमाना छोड़ दिया,
दरवाजे पर लिखा जबसे,
नाम बजरंग बाबा का,
मुसीबतों ने मेरे घर में,
आना ही अब छोड़ दिया,
झूमे नगरिया सारी झूमे नगरिया।
अंजनी के लाला अपने,
भक्तों की अब तो,
लेलो खबरिया रे।।
– स्वर/लेखक –
कृष्ण कुमार गौतम
संपर्क – 8109631564