आज मोहे राधा छल गई रे,
आज मोहे श्यामा छल गई रे,
ऐ री मैया मैं कहा करूँ,
मोहे श्यामा, मोहे श्यामा,
आज मोहे श्यामा छल गई रे,
आज मोहे राधा छल गई रे।।
मैं ठाड़ो एक कदम्ब की छैया,
पास में चर रही मोरी गैया,
नैनन के वो तीर चलाए के,
नैनन के वो तीर चलाए के,
मोहे घायल कर गई रे।
आज मोहे श्यामा छल गई रे,
ऐ री मैया मैं कहा करूँ,
आज मोहे श्यामा छल गई रे,
आज मोहे राधा छल गई रे।।
इन ग्वालिन को मन है कारो,
मैं तेरो बालक भोलो भालो,
बातन मोते बंसी लेके,
बातन मोते बंसी लेके,
साफ़ निकल गई रे।
आज मोहे श्यामा छल गई रे,
ऐ री मैया मैं कहा करूँ,
आज मोहे श्यामा छल गई रे,
आज मोहे राधा छल गई रे।।
मैया मैं बरसाने जाऊँ,
वाते अपनी बंसरी लाऊँ,
बिन बंसी के मैया निरख मोरी,
बिन बंसी के मैया निरख मोरी,
गैया भग गई रे।
आज मोहे श्यामा छल गई रे,
ऐ री मैया मैं कहा करूँ,
आज मोहे श्यामा छल गई रे,
आज मोहे राधा छल गई रे।।
मैं भोलो वो चतुर गुजरिया,
ब्रज में ले गई पकड़ उँगरिया,
तनिक छाछ पे नाच नचाए मोहे,
तनिक छाछ पे नाच नचाए मोहे,
गारी दे गई रे।
आज मोहे श्यामा छल गई रे,
ऐ री मैया मैं कहा करूँ,
आज मोहे श्यामा छल गई रे,
आज मोहे राधा छल गई रे।।
आज मोहे राधा छल गई रे,
आज मोहे श्यामा छल गई रे,
ऐ री मैया मैं कहा करूँ,
मोहे श्यामा, मोहे श्यामा,
आज मोहे श्यामा छल गई रे,
आज मोहे राधा छल गई रे।।