वो मरेगा अकाल मृत्यु,
करे जो काम चांडाल का,
काल उसका क्या करे जो,
भक्त हो महाकाल का।।
हर हर महादेव,हर हर महादेव,
हर हर महादेव, हर हर महादेव।
नगर अवन्ति अंत न जिसका,
ऋषि मुनि कहते ज्ञानी,
वही नगर उज्जैन जहाँ पर,
महाकाल भोले दानी,
महाकाल भोले दानी,
जहाँ मौत आने से डरती,
जहाँ मौत आने से डरती,
पहरा भैरव लाल का,
काल उसका क्या करे जो,
भक्त हो महाकाल का।।
हर हर महादेव,हर हर महादेव,
हर हर महादेव, हर हर महादेव।
यहाँ सवेरा वेद सुनाता,
और पुराण मई शाम है,
धन्य धन्य उज्जैन नगरिया,
लाखो तुम्हे प्रणाम है,
लाखो तुम्हे प्रणाम है,
यहाँ के दर्शन से कटता है,
यहाँ के दर्शन से कटता है,
फंदा दुखो के जाल का,
काल उसका क्या करे जो,
भक्त हो महाकाल का।।
हर हर महादेव,हर हर महादेव,
हर हर महादेव, हर हर महादेव।
पतित पावनी क्षिप्रा का जल,
जो श्रध्दा से पान करे,
जन्म जन्म के पाप मिटाती,
जो इसमें स्नान करे,
जो इसमें स्नान करे,
यहीं बसे माता हरसिद्धि,
यहीं बसे माता हरसिद्धि,
श्रृष्टि की संचालिका,
काल उसका क्या करे जो,
भक्त हो महाकाल का।।
हर हर महादेव,हर हर महादेव,
हर हर महादेव, हर हर महादेव।
यहाँ का कण कण देवतुल्य है,
वेद पुराण यही बोले,
महाकाल भक्तो के खातिर,
भंडारा अपना खोले,
भंडारा अपना खोले,
कल्पवृक्ष के जैसी नगरी,
कल्पवृक्ष के जैसी नगरी,
फल मीठा इस डाल का,
काल उसका क्या करे जो,
भक्त हो महाकाल का।।
हर हर महादेव,हर हर महादेव,
हर हर महादेव, हर हर महादेव।
वो मरेगा अकाल मृत्यु,
करे जो काम चांडाल का,
काल उसका क्या करे जो,
भक्त हो महाकाल का।।
हर हर महादेव,हर हर महादेव,
हर हर महादेव, हर हर महादेव।