आ गए दर तेरे हम तो माँ शारदे,
नैया तेरे हवाले है माँ शारदे।।
तर्ज – कर चले हम फिदा।
बहुत लम्बी तुम्हारे है,
दर की डगर,
कैसे आऊँ मुझे कुछ,
ना आए नजर,
नजर आता कही ना,
किनारा मुझे,
कैसे पाऊँ ओ मैया,
बताओ तुम्हे।
ठोकरे मै बहुत,
खा चुका शारदे,
नैया तेरे हवाले है,
माँ शारदे।।
मै भी गृहस्थी अड़चन,
बहुत है ओ माँ,
कैसे ध्यान करूँ,
कैसे नाम जपूँ,
अव्यवस्थाओ से भी,
घिरा हूँ ओ माँ,
कैसे सेवा करूँ,
कैसे पूजा करूँ,
बहुत थोड़ा बचा ये,
जनम शारदे,
नैया तेरे हवाले है,
माँ शारदे।।
तुम तो भक्तो की,
हर दम सहायक हो माँ,
एक नजर मुझपे भी,
दया की करो,
तेरा बालक तेरे दर पे,
आया हू माँ,
मेरे सिर पर भी,
ममता का साया करो,
तेरी भक्ती मुझे भी,
मिले शारदे,
नैया तेरे हवाले है,
माँ शारदे।।
आ गए दर तेरे हम तो माँ शारदे,
नैया तेरे हवाले है माँ शारदे।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
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