आ जाओ अब तो मोहन,
ओ मेरे श्याम प्यारे,
कब तक गुजारूं जीवन,
तेरी याद के सहारे,
आ जाओं अब तो मोहन।।
तर्ज – मुझे इश्क़ है तुझी से।
गिनती की पायी साँसे,
जीवन बहुत है छोटा,
कब साथ छोड़ दे ये,
पल का नहीं भरोसा,
बड़ी देर हो चुकी है,
अब और ना लगा रे,
कब तक गुजारूं जीवन,
तेरी याद के सहारे,
आ जाओं अब तो मोहन।।
विरह की आग में जब,
अरमान दिल के जलते,
आंसू तभी किसी की,
आँखों से है निकलते,
इन आंसुओ का कोई,
तू मोल तो लगा रे,
कब तक गुजारूं जीवन,
तेरी याद के सहारे,
आ जाओं अब तो मोहन।।
कहते है तुमको सारे,
संसार की खबर है,
पर क्यों पड़ी ना तेरी,
मुझ दिन पर नज़र है,
‘सोनू’ का दोष क्या है,
क्या हो गई खता रे,
कब तक गुजारूं जीवन,
तेरी याद के सहारे,
आ जाओं अब तो मोहन।।
आ जाओ अब तो मोहन,
ओ मेरे श्याम प्यारे,
कब तक गुजारूं जीवन,
तेरी याद के सहारे,
आ जाओं अब तो मोहन।।
गायक – संजय शर्मा।