आ जाओ ना,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना,
तुझे निहारे मेरे सांवरिया,
अब तो आंखे मेरी,
आ जाओं ना।।
तर्ज – ओ साहिबा।
जब तक तू ना आएगा,
दिल चैन ना पाएगा,
रोते रोते मेरा,
ये दम घुट जाएगा,
ना कटते है ये,
प्रभु दिन मेरे,
ना कटती रातें मेरी,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना।।
अब सहा नही जाता,
ये दर्द जुदाई का,
मेरे जीवन में तेरा,
है नाम दवाई सा,
मचल रही है तेरी यादों में,
अब तो सांसे मेरी,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना।।
एक बार चले आओ,
फिर आके चले जाना,
“विक्की” का मुश्किल है,
बिन तेरे जी पाना,
यही गुज़ारिश अब तो आखिर में,
जाते जाते मेरी,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना।।
आ जाओ ना,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना,
आ जाओं ना,
तुझे निहारे मेरे सांवरिया,
अब तो आंखे मेरी,
आ जाओं ना।।
गायक / लेखक – विकास अग्रवाल।
कानपुर वाले।
6394332715