आ जाओ श्याम प्यारे,
इतनी कृपा तो कर दे,
मेरे सिर पे हाथ धर दे,
मेरे सिर पे हाथ धर दे,
आ जाओं श्याम प्यारें।।
तुझे दिल में बंद करके,
दरिया में फेंकू चाबी,
जब तू समाए दिल में,
मिट जाए हर खराबी,
दीवाना बन के घूमूं,
मुझको प्रभु ये वर दे,
आ जाओं श्याम प्यारें।।
स्वारथ के सब पुजारी,
इस दिल में भर गए थे,
सारे के सारे मुझको,
गुमराह कर रहे थे,
तेरी राहो में चलूँ अब,
ऐसी मुझे डगर दे,
आ जाओं श्याम प्यारें।।
चिंतन सदा हो तेरा,
दूजी नहीं हो चाहत,
झोली पसार मांगू,
दे दे मुझे ये दौलत,
कण कण में तुझको देखूं,
ऐसी मुझे नजर दे,
आ जाओं श्याम प्यारें।।
दर पे झुका जो मस्तक,
कहीं और ये झुके ना,
चरणों में ये है विनती,
मेरी लेखनी रुके ना,
गाऊं तेरे तराने,
‘बिन्नू’ को ये हुनर दे,
आ जाओं श्याम प्यारें।।
आ जाओ श्याम प्यारे,
इतनी कृपा तो कर दे,
मेरे सिर पे हाथ धर दे,
मेरे सिर पे हाथ धर दे,
आ जाओं श्याम प्यारें।।
गायक – आकाश गुप्ता।