आईजी जगमग जागी,
केसर वाली रे ज्योत,
भगतो ने दर्शन देवजो,
ओ मैया भगत आया,
थोरोडे दरबार,
भगतो री विनती साम्भलो,
ओ आईजी शक्ति रा,
थे कहिजो अवतार,
थोरी महिमा अपरंपार जी।।
आईजी अम्बापुर में लियो अवतार,
भीकाजी रो मन हर्षाय रयो,
ओ मैया जीजी ज्यारो नाम दिराय,
ब्राह्मण हैं टिपनो बाछ दियो,
ओ आईजी बालपना में,
परचा दीना जोर,
भगतो ने भरोसो आपरो।।
आईजी किनो थे तो शक्ति वालो रे रुप,
खिलजी ने परचो देवीयो,
ओ मैया आया थे तो नारलाई रे माय,
पुजारी ने परचो देवीयो,
आईजी चुटिया सु दिनी गुफा बनाय,
अखण्ड ज्योत जगावीया।।
आईजी आया थेतो डायलाणा रे माय,
हलीया रो बडलो बनावीयो,
ओ मैया खेता माई करदी ठंडी छाव,
जीजीवड धाम सोवनो,
आईजी जो नर ध्यावे आय,
मनवानंंचित फल वे पाय रया।।
आईजी आय थेतो भैसाणा रे माय,
भैंसों रा भाटा मां बनवीया,
ओ मैया ग्वालीया रो घमंड मिटाय,
परचो माताजी देवीयो,
आईजी आप पधारिया बिलाड़ा माय,
थोरी लीला अपरम्पार जी।।
आईजी आया थे तो हाम्बड नगाजी री पोल,
परचो है माजी देवीयो,
ओ नगाजी मोह माया मे माता नही पहचान,
ए पछे पछतावीया,
ओ मैया आप दयालु आई मात,
भगता रो मान बढावीयो।।
आईजी आया थेतो राठौडा री पोल,
जाणोजी रा भाग जागीया,
मैया गमीयोडा माधु ने घर लाय,
परचो माजी देवीया,
आईजी बैल री असवारी सोवे जोर,
आई पंथ ने थरपावीया।।
आईजी गोविंद दासजी ने थरप्या प्रथम दिवान,
आई पंथ री ध्वजा लहराय रयी,
मैया बैल रा ग्यारह नियम बताय,
जीवन सफल बनावीया,
आईजी भगतो पर राखो छत्तर छाव,
भवसागर म्हाने पार करो।।
आईजी बिलाड़ा में होया अंतर्ध्यान,
केसर तो बरसे ज्योत सु,
ओ मैया सीरवीयो री कहिजो कुल री राय,
कुल रो तो मान बढावीयो,
आईजी बिलाड़ा कहीजे मोटो धाम,
भादरवा में मेलो लाग रयो।।
आईजी धर्म गुरु माधवसिंह सा दिवान,
ध्यावे हर पल आपने,
मैया ‘मनीष सीरवी’ कहीजे थारो दास,
मां भजन बनावीयो,
आईजी ‘भवानी कोलू’ वालो गावे,
आय चरना रो चाकर राखजो।।
आईजी जगमग जागी,
केसर वाली रे ज्योत,
भगतो ने दर्शन देवजो,
ओ मैया भगत आया,
थोरोडे दरबार,
भगतो री विनती साम्भलो,
ओ आईजी शक्ति रा,
थे कहिजो अवतार,
थोरी महिमा अपरंपार जी।।
गायक – भवानी सिंह जी राजपुरोहित (कोलू)
लेखक/प्रेषक – मनीष सीरवी।
रायपुर जिला पाली राजस्थान।
9640557818