आई माता ए मारी जोगमाया,
आई माता ऐ मारी जोगमाया,
थारे लुल लुल लागू पाव,
मारी जोगमाया।।
बिलाडे बनीयो ए माता देवरो,
घणो सुवानो थारो सेवरो,
थारी ध्वजा फरूके असमान,
मारी आई माता,
आई माता ऐ मारी जोगमाया।।
अरे घणा घणा आवे थारे जातरी,
नित-नित करे थारी आरती,
थारे केसर पडे रे अपार,
मारी आई माता,
आई माता ऐ मारी जोगमाया।।
अरे फूल चढावु थारे नवलखीयो,
हाथ जोड थाने अरज करू,
थारे रेवु शरणो रे माय,
मारी जोगमाया,
आई माता ऐ मारी जोगमाया।।
अरे बिलाड़ा नगरी में परचो जोर रो,
सूरज निकलेे है माता घोर रो,
जटे भक्त मंडल जश गाय,
मारी आई माता,
आई माता ऐ मारी जोगमाया।।
आई माता ए मारी जोगमाया,
आई माता ऐ मारी जोगमाया,
थारे लुल लुल लागू पाव,
मारी जोगमाया।।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818