आई माता रे मंदिर माय,
मीठा बोले मोरिया,
जगदम्बा रे मंदिर माय,
मीठा बोले मोरिया,
अरर रर र बोले रे,
माताजी रे मंदिर माय।।
बिलाडा रे मन्दिर माय केशर बरसे,
अखंड ज्योति जगमग जागे,
अरर रर र जागे रे,
माताजी रे मंदिर माय।।
रूप रूपालों मंदिर बिलाड़ा में जोरको,
आई माता री मूरत मनडे भावे,
अरर रर र भावे रे,
बिलाड़ो मन भावे।।
सीरवी समाज सारी,
आईमाता ने ध्यावे,
गुरु माधवसिंह जी ने धोक लगावे,
अरर रर र आवे रे,
माताजी रा दर्शन ने।।
आई माता रा भजन हिवड़े सु गावु,
कालूराम सीरवी भजन सुणावै,
आरर रर र सुणावै रे,
माताजी रा गीतड़ा।।
आई माता रे मंदिर माय,
मीठा बोले मोरिया,
जगदम्बा रे मंदिर माय,
मीठा बोले मोरिया,
अरर रर र बोले रे,
माताजी रे मंदिर माय।।
– गायक एवं प्रेषक –
कालूराम सीरवी
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