आज घणे ही चाव सु,
म्हे थाने बुलावा,
म्हे थाने बुलावा,
आप पधारो है गणनायक,
चौखा सुगण मनावा,
आज घणै ही चाव सुं,
म्हे थाने बुलावा,
म्हे थाने बुलावा।।
तर्ज – जनम जनम का साथ है।
श्यामधणी रो चाव सुं,
कीर्तन आज करायो,
देवा रा सिरमौर ने,
पहल्या पोत मनायो,
म्हारो कीर्तन सफल बनाओ,
थारी किरपा चावा,
आज घणै ही चाव सुं,
म्हे थाने बुलावा,
म्हे थाने बुलाव।।
ऊँचे आसन आज थे,
बेगा आन बिराजो,
गाजो बाजो साथ ले,
बाँध पागड़ी आज्यो,
बांध घुंघरू कीर्तन माहीं,
थाने नाच नचावा,
आज घणै ही चाव सुं,
म्हे थाने बुलावा,
म्हे थाने बुलावा।।
भर भर पेड़ा मिसरी,
चाँदी थाल सजाया,
थारे खातिर प्रेम स्यूं,
नागर पान मंगाया,
भगतां रे थे रुच रुच जीमो,
थारे भोग लगावा,
आज घणै ही चाव सुं,
म्हे थाने बुलावा,
म्हे थाने बुलावा।।
आज घणे ही चाव सु,
म्हे थाने बुलावा,
म्हे थाने बुलावा,
आप पधारो है गणनायक,
चौखा सुगण मनावा,
आज घणै ही चाव सुं,
म्हे थाने बुलावा,
म्हे थाने बुलावा।।
भजन गायक – मनीष शर्मा मोनु।
9854429898
https://youtu.be/l7NdgRUbfFs