हरा रंग दो,
या पीला रंग दो,
आज मेरे सांवरे को,
पूरा रंग दो,
लाल रंग दो,
या नीला रंग दो,
आज मेरे साँवरे को,
पूरा रंग दो।।
साल भर के बाद में,
फागन है ये आया,
भगतों में देखो कितना,
आनंद है छाया,
नाचेगा मेरा सांवरा,
अब बजने चंग दो,
आज मेरे साँवरे को,
पूरा रंग दो।।
सांवरे के मुख पे तुम,
गुलाल मल देना,
इसी बहाने दिल का,
अपने हाल कह देना,
दिल से दिल की बातें,
अब होने चंद दो,
आज मेरे साँवरे को,
पूरा रंग दो।।
काश कुछ ऐसा करिश्मा,
आज हो जाए,
सांवरा तुझे रंग लगाने,
खुद ही आ जाये,
‘नवीन’ सांवरे संग,
होने हुड़दंग दो,
आज मेरे साँवरे को,
पूरा रंग दो।।
हरा रंग दो,
या पीला रंग दो,
आज मेरे सांवरे को,
पूरा रंग दो,
लाल रंग दो,
या नीला रंग दो,
आज मेरे साँवरे को,
पूरा रंग दो।।
Singer – Vishi Saurabh Sharma
लेखक / प्रेषक – नवीन सरावगी पटना।