आज तेरी काया दुर्बल हो गई,
जिंदगी का बोझ ढोते ढोते।।
तर्ज – राम तेरी गंगा मैली।
श्लोक – सुनो सुनाये तुम्हे कहानी,
की बिता बचपन आई जवानी,
माया में फसकर, ये नहीं सोचा,
है चार दिन की तेरी जिंदगानी,
है चार दिन की तेरी जिंदगानी।
नर देह पाई तूने जाग तू सोते सोते,
आज तेरी काया दुर्बल हो गई,
जिंदगी का बोझ ढोते ढोते।।
चंद दिनों की है जिंदगानी,
चंद दिनों का मेला,
यम के दूत पकड़ ले जाए,
संग ना जावे ढेला,
छोड़ झूठा ये झमेला,
जग में आया तू अकेला,
मिट्टी मिट्टी में मिलेगी,
जब भी आवे कोई रेला,
माँ बाप भाई, माँ बाप भाई कहे,
आंसुओ से मुँह धोते धोते,
आज तेरी काया दुर्बल हो गईं,
जिंदगी का बोझ ढोते ढोते।।
जिनको तू अपना कहता है,
काम ना वो ही आए,
मर जाएगा जब तू प्राणी,
मरघट तक ले जाए,
तेरी चिता चुनवाए,
उसमे अग्नि लगाए,
एक लेके मोटा डंडा,
तेरा सर भी फुड़वाए,
कहे ‘राम’ भाई, कहे राम भाई चेतन,
हो जा सहर होते होते,
आज तेरी काया दुर्बल हो गईं,
जिंदगी का बोझ ढोते ढोते।।
नर देह पाई तूने जाग तू सोते सोते,
आज तेरी काया दुर्बल हो गईं,
जिंदगी का बोझ ढोते ढोते।।
Singer : Raju Bawra