आजा बनभौरी आली,
शेर चढ़ के,
बाट तेरी देखु,
तेरे दर प डट के।।
एरी लंबा रास्ता मुश्किल आया,
आके चरणों म शीश झुकाया,
पहुंच लिया री म तो मर पड़ क,
बाट तेरी देखु,
तेरे दर प डट के।।
एरी काया मेरी डग मग डोले,
भूत प्रेत मेरे म बोले,
एरी पेशी आवे जब यो शरीर तड़पें,
बाट तेरी देखु,
तेरे दर प डट के।।
एरी भक्ता के री तने काम बणाए,
सच्ची श्रद्धा त री जो आए,
ना तो बिच भंवर म नयिया लटके,
बाट तेरी देखु,
तेरे दर प डट के।।
बनभौरी म तेरा धाम निराला,
कुचरानिया भी रटे तेरी माला,
यु मरजाणा कह दर दर कयु भटके,
बाट तेरी देखु,
तेरे दर प डट के।।
आजा बनभौरी आली,
शेर चढ़ के,
बाट तेरी देखु,
तेरे दर प डट के।।
गायक – मा. राजफूल कुचराणीयां।
प्रेषक – दीपक गालव।
9053460307