लांबे लांबे केश खिंढाकै,
हाथ मै नग्न कटारी ठाकै,
जय काली जयकारा लाकै,
आजा री माँ कालका,
आज्या री मां कालका।।
मरघट में तेरी हांडी दे दी,
तेरे री प्रेम मै काया भेदी,
संकट पाड़ बगावन आली,
सूते भाग जगावण आली,
बिगड़ी बात बनावण आली,
आज्या री मां कालका,
आज्या री मां कालका।।
बात होण दे री आर पार की,
मरूँ सु तीसाई तेरे री प्यार की,
गल मै नरमुंडा की माला,
पहर कै अपणा दामण काला,
आज होण दे जोत प चाला,
आज्या री मां कालका,
आज्या री मां कालका।।
तीन लोक तेरी हाँक तै काम्बै,
कोण भला तेरे क्रोध न थामबै,
जय काली कलकत्ते वाली,
तेरा वचन ना जावै खाली,
रणचण्डी तेरी शान निराली,
आज्या री मां कालका,
आज्या री मां कालका।।
आशीष कौशिक लाल तेरा री,
पल पल करता ख्याल तेरा री,
कह संजीत तेरे बिन माता,
अन्न पानी तक कोन्या भाता,
बोल दिया तेरा जगराता,
आज्या री मां कालका,
आज्या री मां कालका।।
लांबे लांबे केश खिंढाकै,
हाथ मै नग्न कटारी ठाकै,
जय काली जयकारा लाकै,
आजा री माँ कालका,
आज्या री मां कालका।।
गायक – आशीष कौशिक समचाना।
8708684936
लेखक – संजीत समोरा।