आना पवन कुमार,
हमारे हरी कीर्तन में।।
श्लोक – वीर बजरंग आपको,
आज हम बुलाते है,
वो उत्सव सफल हो जाता है,
जहाँ आप आ जाते है।
आना पवन कुमार,
हमारे हरी कीर्तन में,
आना अंजनी के लाल,
हमारे हरी कीर्तन में,
आना पवनकुमार,
हमारे हरी कीर्तन में।।
आप भी आना संग में,
रामजी लाना,
लाना जनक दुलार,
हमारे हरी कीर्तन में,
आना अंजनी के लाल,
हमारे हरी कीर्तन में।।
भरत जी को लाना,
लक्ष्मण जी को लाना,
लाना सब परिवार,
हमारे हरी कीर्तन में,
आना अंजनी के लाल,
हमारे हरी कीर्तन में।।
कृष्ण जी को लाना,
और राधा जी को लाना,
लाना लखदातार,
हमारे हरी कीर्तन में,
आना अंजनी के लाल,
हमारे हरी कीर्तन में।।
शिव जी को लाना,
मैया जी को लाना,
लाना मदन मुरार,
हमारे हरी कीर्तन में,
आना अंजनी के लाल,
हमारे हरी कीर्तन में।।
सुमति को लाना,
कुमति को हटाना,
करना बेड़ा पार,
हमारे हरी कीर्तन में,
आना अंजनी के लाल,
हमारे हरी कीर्तन में।।
कावड़ संघ पे कृपा कर के,
सुनलो मेरी पुकार,
हमारे हरी कीर्तन में,
आना अंजनी के लाल,
हमारे हरी कीर्तन में।।
आना पवनकुमार,
हमारे हरी कीर्तन में,
आना अंजनी के लाल,
हमारे हरी कीर्तन में,
आना पवनकुमार,
हमारे हरी कीर्तन में।।