आंगन साडू के नारायण लियो अवतार,
देव नारायण कथा प्रथम भाग।
पूर्ण जगत का पालनहार रे,
पूर्ण जगत का पालनहार रे,
आंगण साडू के,
नारायण लियो अवतार रे,
आंगण साडू के,
नारायण लियो अवतार रे,
भगवन भूमि को मेटन भार रे,
भगवन भूमि को मेटन भार रे,
गुर्जर घर प्रगट्या देव धणी दातार रे,
गुर्जर घर प्रगट्या देव धणी दातार रे।।
धीन धीन थारा भागे भोजा,
धण धण साडू री भक्ति,
सतवंती साडू सती,
सारा जगत के शक्ति,
धिन धिन बगडावत वीरा,
रंग रंग गुर्जर रणधीरा,
सत्त रे ए मार्ग चाल्या,
जिया नित सत्त री तीरा,
आया जगदिशा थारे द्वार रे,
आया जगदिशा थारे द्वार रे,
आंगण साडू के नारायण लियो अवतार रे।।
ऊंचा डूंगर अडकिला,
दिखे नी मार्ग झीला,
पाला ऊलबाना चाले,
देखो नारायण लीला,
पीपल नीचे रात बितावे,
थाक्या ने नींदा पावे,
शेरनी आय जगावे,
देवा ने दूध चुंगावे,
देख्यो साडू जी चमत्कार रे,
देख्यो साडू जी चमत्कार रे,
आंगन साडू के नारायण लियो अवतार रे।।
साडू पीहर मे आयी,
भोजाया बोल सुनायी,
भोज मरीया जुग नित्या,
पाप कठा सु लायी,
लाजे है गुर्जर न्याती,
लाजे खटाना जाती,
क्यु नी तू मरगी ननदी,
मुंडो नी आय नवाती।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818