आणो तो श्याम थाणे,
पड़सी पड़सी,
कद आवोला या बोलो,
दर्शन तो श्याम देणो,
पड़सी पड़सी,
कद देवोला या बोलो।।
तर्ज – रिमझिम के गीत।
थारी याद में विश्वास में,
बाबा बैठया हा म्हे तो थारी आस में,
पलका तो श्याम ईब थे.
खोलो खोलो,
कद खोलोगा या बोलो,
दर्शन तो श्याम देणो,
पड़सी पड़सी,
कद देवोला या बोलो।।
दिनडो बीते राता बीते,
थारी याद में इक पल बीते,
म्हाने तो ओर कुण है,
बोलो बोलो,
कद बोलोगा या बोलो,
दर्शन तो श्याम देणो,
पड़सी पड़सी,
कद देवोला या बोलो।।
थे हो म्हरा म्हे हा थारा,
थासू रिश्ता पुराणा है म्हारा,
म्हणे तो श्याम,
मत ना भूलो भूलो,
कद आवोला या बोलो,
दर्शन तो श्याम देणो,
पड़सी पड़सी,
कद देवोला या बोलो।।
मैं अनजान हा और नादान हा,
कईया रिजोगा या भी ना जाणा हा,
‘प्रवीन’ तो श्याम टाबर,
भोलो भोलो,
कद आवोगा या बोलो,
दर्शन तो श्याम देणो,
पड़सी पड़सी,
कद देवोला या बोलो।।
आणो तो श्याम थाणे,
पड़सी पड़सी,
कद आवोला या बोलो,
दर्शन तो श्याम देणो,
पड़सी पड़सी,
कद देवोला या बोलो।।
गायक / प्रेषक – अशोक जाँगिड़।
सवाई माधोपुर।
M.9828123517