आओ आओ म्हारा सांवरिया,
थे आंगण में,
रातां म्हें जगावा सारी जागण में।।
कीर्तन की रात बाबा,
बेगा बेगा आओ,
लीले चढ़ बाबाजी थे,
बेगा बेगा आओ,
कांई लागै है जी बाबा,
थारें आवण में,
रातां म्हें जगावा सारी जागण में।।
ढोल नगाड़ा बाबा,
मंजीरा बजावां,
मीठा मीठा बाबा थाने,
भजन सुनावां,
बाबा टाबरिया नाचे है,
थारें आंगण में,
रातां म्हें जगावा सारी जागण में।।
केसरिया बागो यो बाबा,
थाने पहरावा,
चांदी रो थारें बाबा,
छत्र लगावा,
म्हें तो फुला स्युं सजायो,
थारें आंगण ने,
रातां म्हें जगावा सारी जागण में।।
‘केशव’ केवै बाबा म्हारी,
अरज सुनिज्यो,
चरणां री चाकरी थे,
म्हानै भी दिज्यो,
म्हाने लाज कोनी आवे,
थांसु मांगण में,
रातां म्हें जगावा सारी जागण में।।
आओ आओ म्हारा सांवरिया,
थे आंगण में,
रातां म्हें जगावा सारी जागण में।।
गायक – नीलकांत मोदी।
लेखक / प्रेषक – मनीष शर्मा ‘मोनु’
जोरहाट (आसाम) 9854429898