आओ आओ म्हारी दादीजी,
थे आंगण मं,
थाने म्हें उडिका मैया जागण मं।।
कीर्तन की रात मैया,
बेगा बेगा आओ,
टाबरिया बुलावे मैया,
बेगा बेगा आओ,
कांई लागै है जी,
कांई लागै है जी,
मैया थारें आवण मं,
रातां म्हे जगावा थारी जागण में।।
ढोल नगाड़ा मैया,
मंजीरा बजावां,
मीठा मीठा दादी थाने,
भजन सुनावां,
दादी टाबरिया,
दादी टाबरिया,
नाचे है थारें आंगण मं,
रातां म्हे जगावा थारी जागण में।।
लाल चुनरिया मैया,
थाने उढावा,
चांदी रो मैया थारें,
छत्र लगावा,
म्हें तो फुला स्युं,
म्हें तो फुला स्युं,
सजायो थारें आंगण नं,
रातां म्हे जगावा थारी जागण में।।
“केशव” केवै मैया म्हारी,
अरज सुनिज्यो,
चरणां री चाकरी थे,
म्हानै भी दिज्यो,
म्हाने लाज कोनी,
म्हाने लाज कोनी,
आवे थांसु मांगण मं,
रातां म्हे जगावा थारी जागण में।।
आओ आओ म्हारी दादीजी,
थे आंगण मं,
थाने म्हें उडिका मैया जागण मं।।
– भजन लेखक व गायक –
मनीष शर्मा “मोनु”
जोरहाट (आसाम)
9854429898
https://youtu.be/V7pB6Jc5oKc