आओ बाईसा थाने,
आज बुलावे बाबोसा परिवार,
आओ बाईसा,
मन मंदिर में लेके पधारो,
बाबोसा ने लार,
आओ बाईसा,
आओ बाईसा थानें,
आज बुलावे बाबोसा परिवार,
आओ बाईसा।।
तर्ज – धमाल।
धणा दीना सु थारी ओल्यू आवे,
हिचकी रुक न पावे जी,
रात भर म्हाने नींद न आवे,
एक नही कई बार,
आओ बाईसा,
आओ बाईसा थानें,
आज बुलावे बाबोसा परिवार,
आओ बाईसा।।
रिमझिम बरसे सावन जय्या,
बरस रहया म्हारा नैन जी,
था बिन एक पल चेन न आवे,
सुणलो म्हारी पुकार,
आओ बाईसा,
आओ बाईसा थानें,
आज बुलावे बाबोसा परिवार,
आओ बाईसा।।
सांची प्रीत या थांसु बांधी,
टूटे न यो बंधन जी,
थे ही जाणो म्हारे मन की,
जाणे न संसार,
आओ बाईसा,
आओ बाईसा थानें,
आज बुलावे बाबोसा परिवार,
आओ बाईसा।।
बाईसा जद आप पधारो,
काम सभी बण जावे जी,
बाबोसा भी आवे संग में,
हम भगतो के द्वार,
आओ बाईसा,
आओ बाईसा थानें,
आज बुलावे बाबोसा परिवार,
आओ बाईसा।।
बाईसा रे सागे आया,
बाबोसा सरकार जी,
‘दिलबर’ अभिलाषा हुई पूरी,
छाई खुशी अपार,
आया बाईसा,
आया बाईसा हर्षित है देखो,
बाबोसा परिवार,
आया बाईसा,
बाबोसा ने सागे लाया,
नही भूला थारो उपकार,
आया बाईसा।।
आओ बाईसा थाने,
आज बुलावे बाबोसा परिवार,
आओ बाईसा,
मन मंदिर में लेके पधारो,
बाबोसा ने लार,
आओ बाईसा,
आओ बाईसा थानें,
आज बुलावे बाबोसा परिवार,
आओ बाईसा।।
गायिका – अभिलाषा बांठिया।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365