आओ गुरु नाम की महिमा गाए,
गुरु ज्ञान गंगा में गोता लगाए।।
तर्ज- बहुत प्यार करते है।
गुरु के समान कोई और न दूजा,
करनी है हमको उनकी ही पूजा,
गुरुदेव ज्ञान की राह दिखाएं,
गुरु ज्ञान गंगा में गोता लगाए।।
गुरु ही हमारे जीवन सहारे,
आरती उतारे आओ उतारे,
उनकी दया से भव तीर जाए,
गुरु ज्ञान गंगा में गोता लगाए।।
गुरु बिन ज्ञान हम कहां से पाए,
चरणों की रज मस्तक पे लगाए,
गुरु ज्ञान गागर में सागर समाए,
गुरु ज्ञान गंगा में गोता लगाए।।
दूर अंधियारा छा जाए उजियारा,
दास विश्वंभर पा जाएगा किनारा,
हम सब मिल गुरुदेव मनाए,
गुरु ज्ञान गंगा में गोता लगाए।।
आओ गुरु नाम की महिमा गाए,
गुरु ज्ञान गंगा में गोता लगाए।।
संकलन – पवन शर्मा निर्मल।
9314462654