सतराणी को दावड़ो,
भोम्यो जी सुत्यों बाग में,
जाग जाग रे भोम्या थारी,
सेल धरि छ आग में,
हीरा मल ने ल्याओ भोम्या,
बी केसरिया पाग में,
हीरा मल भोम्या की जोड़ी,
खोली थांकि नाग में,
आओ जी राजकुमार,
भोमियां मतवाला,
हीरा मल आगो साथ,
हाथ में छ भाला।।
चुंदड़ी को साफों थाके,
केसरिया जामो,
है घोड़े असवार भोमियां,
जल्दी आजा सामो,
कुंडल काना माई भोमियां,
भालो हाथा थामो,
सेल सुल किरपान ले ल्यो,
घोड़ो थको लामो,
ल्याओ जी घोड़ा ने घुमार,
भोमियां मतवाला,
हीरा मल आगो साथ,
हाथ में छ भाला।।
आजा आजा भोमियां तू,
मत ना देर लगावे,
जोत थारी जुड़ गई,
थारा जातरी बुलावे,
हलकारा किलकारा करतो,
हीरा मल ने ल्यावे,
नाच रहयो भोमियां जी,
देखो चामटी बजावे,
न्याय करजो जी चामटी बजार,
भोमियां मतवाला,
हीरा मल आगो साथ,
हाथ में छ भाला।।
सूरज सामो देवरो और,
ध्वजा फरूके थारे,
गायां का गुवाल भोमियां,
गायां ऊबी द्वारे,
भवानी गुर्जर गावे गीत,
जल्दी आजा म्हारे,
रोग चिंता मेट दीजो,
दर्द बढ़ गयो सारे,
म्हारो बैठा दीजो जल्दी सुमार,
भोमियां मतवाला,
हीरा मल आगो साथ,
हाथ में छ भाला।।
सतराणी को दावड़ो,
भोम्यो जी सुत्यों बाग में,
जाग जाग रे भोम्या थारी,
सेल धरि छ आग में,
हीरा मल ने ल्याओ भोम्या,
बी केसरिया पाग में,
हीरा मल भोम्या की जोड़ी,
खोली थांकि नाग में,
आओ जी राजकुमार,
भोमियां मतवाला,
हीरा मल आगो साथ,
हाथ में छ भाला।।
लेखक व गायक – भवानी सिंह गुर्जर।
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