द्वार पे बैठा राह निहारूँ,
थक गए मेरे नैना,
आओ श्याम मेरे अँगना,
आओ ना श्याम मेरे अँगना।।
तर्ज – अब आन मिलो सजना।
राह में तेरी पलके बिछाई,
सेज फूलों की मैंने सजाई,
अब तो आजा ओ मेरे कन्हैया,
कहीं हो ना मेरी रुसवाई,
तू जो आए तो खिल जाए,
मन की मेरी बगिया,
आओ श्याम मोरे अँगना,
आओ ना श्याम मेरे अँगना।।
मेरी आँखों का बस यही सपना,
एक तू श्याम हो मेरा अपना,
आज का प्रेम अपना नहीं है,
कई जन्मो का बंधन है अपना,
जग से रिश्ता टूटे तुझसे,
रिश्ता टूटे अब ना,
आओ श्याम मोरे अँगना,
आओ ना श्याम मेरे अँगना।।
तुझे भक्तो ने जब भी पुकारा,
तूने सबको दिया है सहारा,
नाव मझधार में मेरी डोले,
उसको तू ही दिखाए किनारा,
बनके खिवैया आजा मोहन,
कोई मेरे संग ना,
आओ श्याम मोरे अँगना,
आओ ना श्याम मेरे अँगना।।
सबकी बिगड़ी बनाने वाले,
बात मेरी बनाए तो मानु,
मैं तो भटका हुआ एक मुसाफिर,
राह मुझको दिखाए तो जानू,
सुनले ‘अमन’ की इतनी विनती,
चरण कमल में रखना,
आओ श्याम मोरे अँगना,
आओ ना श्याम मेरे अँगना।।
द्वार पे बैठा राह निहारूँ,
थक गए मेरे नैना,
आओ श्याम मेरे अँगना,
आओ ना श्याम मेरे अँगना।।
Singer : Mukesh Bagda