आओगे जब तुम ओ साँवरे,
तर्ज – आओगे जब तुम साजना।
आओगे जब तुम ओ साँवरे,
दिल के द्वार खुलेंगे,
आँखों में आंसू,
आँखों में आंसू,
इंतजार के,
तुमसे कब हम मिलेंगे!,
आओगे जब तुम ओ सांवरे,
दिल के द्वार खुलेंगे।।
असुँअन से चरण पखारूँगा,
दिल की नज़र से निहारूंगा,
क्या मैं करूँ अर्पण तुझको,
तन मन तुम पर वारूँगा,
पूजा तेरी,
जानू नहीं,
कैसे करूँ,
आँखों में सपने,
आँखों में सपने हैं दीदार के,
तुमसे कब हम मिलेंगे!,
आओगे जब तुम ओ साँवरे,
दिल के द्वार खुलेंगे।।
बाहों में झूला झुलाऊँगा,
दरबार तेरा लगाउँगा,
आसन नहीं है मखमल का,
पलकों पे तुझको बिठाऊंगा,
सेवा तेरी,
जानू नहीं,
कैसे करूँ,
लब भी हैं सूखे,
लब भी है सूखे,
तुम्हे पुकार के,
तुमसे कब हम मिलेंगे!,
आओगे जब तुम ओ सांवरे,
दिल के द्वार खुलेंगे।।
सब तुम्हे फूलों से सजाते हैं,
खुशबू से तुझे महकाते हैं,
मेरे जैसे दीवाने तो,
भजनो से तुझे रिझाते हैं,
दौलत मेरी,
है बस यही, मेरे प्रभु,
‘सोनू’ सुनाये,
‘सोनू’ सुनाये गीत प्यार के,
तुमसे जब हम मिलेंगे!,
आओगे जब तुम ओ सांवरे,
दिल के द्वार खुलेंगे।।
आओगे जब तुम ओ साँवरे,
दिल के द्वार खुलेंगे,
आँखों में आंसू,
आँखों में आंसू,
इंतजार के,
तुमसे कब हम मिलेंगे!,
आओगे जब तुम ओ सांवरे,
दिल के द्वार खुलेंगे।।