बड़ी आश ले आयो मारी माता,
पैदल पैदल आयो,
माँ मन में इच्छा लायो,
आशापुरा माँ दर्शन देवो,
द्वार आपरे आयो,
कुलदेवी माँ दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो।।
पगे उबानौ आयो मारी माता,
पैदल पैदल आयो,
शाचा मन सु आयो मारी माता,
नाडोल नगरी में आयो,
आशापुरा मां दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो,
कुलदेवी माँ दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो।।
देवलिया री शोभा निराली,
शारो जगत सरायो,
भक्त घनेरा आया आशापुरा मां,
शरना शीश नवायो,
आशापुरा मां दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो,
कुलदेवी माँ दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो।।
चौहान वंश मां थाने मनावे,
देवड़ा वंश मनावे,
मीठा भोग चढ़ावे मारी मैया,
लाडू पेड़ा लावा,
आशापुरा मां दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो,
कुलदेवी माँ दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो।।
लक्ष्मण जी थोरे शरना चाकर,
सेवा आप रि पावे,
धन्य हो गयो जीवन मारो,
दर्शन आप रा पाया,
आशापुरा मां दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो,
कुलदेवी माँ दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो।।
नाडोल गढ़ में सेवा करता,
लाखन जी रो केनो,
आशापुरा मां जगत भवानी,
कुल देवी रे शरणा में रेनो,
आशापुरा मां दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो,
कुलदेवी माँ दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो।।
नरपत सिंह थोरी महिमा लिखी,
राजा बंजारा लिखावे,
हितेश बंजारों महिमा गावे,
शरने आप रे आवे,
आशापुरा मां दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो,
कुलदेवी माँ दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो।।
बड़ी आश ले आयो मारी माता,
पैदल पैदल आयो,
माँ मन में इच्छा लायो,
आशापुरा माँ दर्शन देवो,
द्वार आपरे आयो,
कुलदेवी माँ दर्शन देवों,
द्वार आपरे आयो।।
लेखक – श्री नरपत सिंह पाली।
गायक – श्री हितेश बंजारा रानी।
9664088023