आते है मेरे बाबा,
दुनिया में रूप धरके,
कभी राम बन के आए,
कभी आए श्याम बनके,
आते हैं मेरे बाबा,
दुनिया मे रूप धरके।।
तर्ज – आए हो मेरी जन्दगी में।
भक्तो के लिए भगवन,
हर बार रूप धरते,
धरती का भार हरते,
भक्तो का कष्ट हरते,
देते है उनको दर्शन,
जो ध्यान इनका करते,
अर्जुन को दिया दर्शन,
बाबा विराट धरके,
आते हैं मेरे बाबा,
दुनिया मे रूप धरके।।
ईसा कभी बने थे,
नानक कभी बने थे,
महाबीर ये बने थे,
रहीम भी बने थे,
प्रहलाद के लिए तो,
नरसिँह भी ये बने थे,
अब आए मेरे दाता,
शिरडी मे रूप धरके,
आते हैं मेरे बाबा,
दुनिया मे रूप धरके।।
भक्तो का तू सहारा,
है भव का तू किनारा,
मुझ पर भी कृपा करदो,
मुझको भी दो सहारा,
मेरे लिए भी बाबा,
कर भी दो एक इशारा,
तेरे द्वार पे मै आया,
तेरा ही दास बनके,
आते हैं मेरे बाबा,
दुनिया मे रूप धरके।।
आते है मेरे बाबा,
दुनिया में रूप धरके,
कभी राम बन के आए,
कभी आए श्याम बनके,
आते हैं मेरे बाबा,
दुनिया में रूप धरके।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
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