अतरो संदेशो म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो।।
सेवा ने सिमरण हम कोन नी करीयो,
ऐई उपदेश म्हानै देजो रे,
ऐई उपदेश म्हानै देजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे।।
काया रो देवल हमने लागो कासो ईणरी,
भलोमण म्हानै देजो रे,
भलोमण म्हानै देजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे।।
काया पङसी हंसो कहा जाए समाय,
ऐई गर्भ वतावे म्हानै देजो रे,
ऐई गर्भ वतावे म्हानै देजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे।।
ब्रह्म स्वरुपी म्हानै नजर नी आया,
दर्शन दिदार म्हानै देजो रे,
दर्शन दिदार म्हानै देजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे।।
तुम हो हमारा हम हे तुम्हारा,
जन्मों जन्म भक्ती देजो रे,
जन्मों जन्म भक्ती देजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे।।
दोय कर जोङ दास अंबालाल बोले,
सेवक ने चरणो मे लेजो रे,
सेवक ने चरणो मे लेजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे।।
अतरो संदेशो म्हारा गुरुजी ने केजो,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे,
सेवक ना हृदय मे रेजो रे,
अतरो संदेशों म्हारा गुरुजी ने केजो।।
बोलो श्री सतगुरु देव की जय हो,
गायक – हरि भरवाङ।
प्रेषक – देव पुरोहित नाथोणी जेरण
संत बडे परमारति सितल वौरा अंग तपत भूजावे और कि गूरू देदे भगति को रंग
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जय मा करनी
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