आवेगा दादा खेड़ा,
आवैगा दादा खेड़ा,
पहर क धौला भाणा,
आके न रंग जमाणा,
धर देगा सिर प हाथ र हाथ र,
जय जय, जय-जय,
जय जय, जय-जय,
आवैगा दादा खेड़ा,
आवैगा दादा खेड़ा।।
होज्यागी मन की चाही,
जिसने भी ज्योत जगाई,
बैठो थम ध्यान लगाके,
चरणा में शिश झुकाके,
बरकत होज्यागी,
घरबार में बार में,
जय जय, जय-जय,
जय जय, जय-जय,
आवैगा दादा खेड़ा,
आवैगा दादा खेड़ा।।
भोले की आज्ञा लेके,
आवेगा नन्दी लेके,
मुच्छा के लावे मरोड़ी,
सिर प या पगड़ी,
धोली गेड़ा लावे,
हर गाम में गाम में,
जय जय, जय-जय,
जय जय, जय-जय,
आवैगा दादा खेड़ा,
आवैगा दादा खेड़ा।।
तेरी भी सुनेगा आके,
क्यूं बेठी मुहं लटकाके,
चोगानन संग में आवे,
हर घर में लाल खिलावे,
पित्र भी चालें आवे,
साथ में साथ में,
जय जय, जय-जय,
जय जय, जय-जय,
आवैगा दादा खेड़ा,
आवैगा दादा खेड़ा।।
सतगुरु का ध्यान लगाया,
बिट्ट ने भजन बनाया,
मोहन न साज बाजाके,
सोमे न साथ निभाके,
रंग जमाया,
दरबार मे बार में,
जय जय, जय-जय,
जय जय, जय-जय,
आवैगा दादा खेड़ा,
आवैगा दादा खेड़ा।।
आवेगा दादा खेड़ा,
आवैगा दादा खेड़ा,
पहर क धौला भाणा,
आके न रंग जमाणा,
धर देगा सिर प हाथ र हाथ र,
जय जय, जय-जय,
जय जय, जय-जय,
आवैगा दादा खेड़ा,
आवैगा दादा खेड़ा।।
गायक व लेखक – बिट्टू कालखा।
9991446855