तेरे द्वार पे बाबा जब भी आता हूँ,
बिन मांगे ही सब कुछ दर से पाता हूँ,
जब भी मैंने तुमको श्याम पुकारा,
बिन देर किए ही तू आया,
आया आया आया,
मैं फिर खाटू आया।।
तर्ज – हारे हारे हारे हम तो।
सुनता है तू तो सबकी सदा,
सुन ले मेरी ये दिल की सदा,
रखना नहीं तू दिल में गिला,
चलता रहे यूं ये सिलसिला,
आता रहूं श्याम दर पे तेरे,
आया आया आया,
मैं फिर खाटू आया।।
साथ कभी ना छोड़ोगे तुम,
दिल ये कभी ना तोड़ोगे तुम,
भूले नहीं “जालान” तुझे,
रखना सदा तू दिल में मुझे,
रखना सदा हाथ सर पे मेरे,
आया आया आया,
मैं फिर खाटू आया।।
तेरे द्वार पे बाबा जब भी आता हूँ,
बिन मांगे ही सब कुछ दर से पाता हूँ,
जब भी मैंने तुमको श्याम पुकारा,
बिन देर किए ही तू आया,
आया आया आया,
मैं फिर खाटू आया।।
गायक – उमाशंकर गर्ग।
भजन लेखक – पवन जालान।
9416059499 भिवानी (हरियाणा)